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इतिहास में 18 अगस्‍त | 18 August in History

1. फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना

        आज के दिन सन् 1800 में लॉर्ड वेलेजली ने बंगाल के कलकत्ता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की थी। फोर्ट विलियम कोलकाता में हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर बना एक किला है, जिसे ब्रिटिश राज के दौरान बनवाया गया था। इसे इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय के नाम पर बनवाया गया था। इसके सामने ही मैदान है, जो कि किले का ही भाग है और कलकत्ता का सबसे बड़ा शहरी पार्क है।


2. विजयलक्ष्मी पंडित का जन्म


        आज के दिन सन् 1900 में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बहन विजयलक्ष्मी पंडित का जन्म हुआ था। इनका जन्म 18 अगस्त 1900 को नेहरू परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा मुख्य रूप से घर में ही हुई। 1921 में उन्होंने काठियावाड़ के सुप्रसिद्ध वकील रणजीत सीताराम पण्डित से विवाह कर लिया। गांधीजी से प्रभावित होकर उन्होंने भी आज़ादी के लिए आंदोलनों में भाग लेना आरम्भ कर दिया। वह हर आन्दोलन में आगे रहतीं, जेल जातीं, रिहा होतीं और फिर आन्दोलन में जुट जातीं। उनके पति को भारत की स्वतंत्रता के लिए किये जा रहे आन्दोलनों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार करके लखनऊ की जेल में डाला गया जहाँ कठोर कारावास के कारण जेल से रिहा होते ही उनके पति का निधन हो गया। वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन थी जिनकी पुत्री इन्दिरा गांधी लगभग 13 वर्षों तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं।


3. सुभाषचन्द्र बोस का विमान दुर्घटनाग्रस्‍त



        आज के दिन सन् 1945 में ताइवान के ताइहोकू हवाई अड्डा पर सुभाषचन्द्र बोस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। 18 अगस्त 1945 के बाद का सुभाषचन्द्र बोस का जीवन और मृत्यु आज तक अनसुलझा रहस्य बना हुआ है। 18 अगस्त 1945 को उनके अतिभारित जापानी विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। यह दुर्घटना जापान अधिकृत फोर्मोसा (वर्तमान ताइवान) में हुई थी। उसमें नेताजी मृत्यु से सुरक्षित बच गये थे या नहीं, इसके बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। हालाँकि, उनके अधिकतर समर्थक, मुख्यतः बंगाल में, इस समय को तथ्यहीन और मृत्यु के कारण नहीं होना बताकर अस्वीकार करते हैं। उनके निधन के कुछ ही घण्टों में षड्यन्त्रकारी सिद्धान्त प्रकट होने लगे और तत्पश्चात लम्बी अवधि तक जारी रही एवं बोस के बारे में सामरिक मिथकों को अस्तित्वमय बनाते रहे। स्वतन्त्रता के बाद भारत सरकार जाँच के लिए तीन बार आयोग गठित किये जिनमें से दो ने विमान दुर्घटना में मौत की पुष्टि की लेकिन तीसरे के अनुसार बोस ने अपने आप को नकली मौत दी। यह रिपोर्ट को सरकार ने बिना किसी कारण के अस्वीकृत कर दी।

4. भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान खडगपुर की स्‍थापना



        आज के दिन सन् 1951 में पश्चिम बंगाल के खडगपुर में भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान की गई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर भारत सरकार द्बारा 1951 में स्थापित अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) और प्रौद्योगिकी -उन्मुख एक स्वायत्त उच्च शिक्षा संस्थान है। आईआईटी में यह सबसे पुरानी है। भारत सरकार ने इसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय महत्त्व का संस्थान माना है और इसकी गणना भारत के सर्वोत्तम इंजीनियरिंग संस्थानों में होती है। 
        
        आई.आई.टी. खड़गपुर को विभिन्न इंजीनियरिंग शिक्षा सर्वेक्षणों में सर्वोच्च इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक का स्थान दिया गया है। 1947 में भारत की स्‍वतंत्रता के पश्‍चात आई.आई.टी. खड़गपुर की स्थापना उच्च कोटि के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए हुई थी। सभी आई.आई.टी. में इसका कैम्पस क्षेत्रफल सबसे ज्यादा 2100 एकड़ है और साथ ही विभाग और छात्रों की संख्या भी सर्वाधिक है। आई.आई.टी. खड़गपुर, इल्लुमिनेशन, रंगोली, क्षितिज और स्प्रिन्ग्फेस्ट जैसे अपने वार्षिक उत्सवों के कारण जाना जाता है। 

        भारत में युद्धोपरांत औद्योगिक विकास हेतु उच्चतर तकनीकी संस्थानों कि स्थापना के लिए दो भारतीय शिक्षाविदों हुमायूँ कबीर और जोगेंद्र सिंह ने 1946 में तत्कालीन पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बिधान चन्द्र रॉय की मदद से उच्चतर तकनीकी संस्थानों कि स्थापना का प्रस्ताव रखा। उस वक़्त पश्चिम बंगाल में उद्योगों के सर्वाधिक केन्द्रीकरण की दलील देते हुए बिधान चन्द्र रॉय ने भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इस बात के लिए राज़ी कर लिया कि पहले संस्थान की स्थापना पश्चिम बंगाल में ही हो। इस प्रकार पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कि स्थापना मई 1950 में "Eastern Higher Technical Institute" के नाम से हुई। आरम्भ में संस्थान कोलकाता के पूर्वी एस्प्लेनेड में स्थित था और सितम्‍बर 1950 में अपने स्थायी कैम्पस कोलकाता से 120 किमी दक्षिण पूर्व में हिजली, खड़गपुर में विस्थापित किया गया। जब अगस्त 1950 में पहला सत्र आरम्भ हुआ।